वि‍श्‍ववि‍द्यालय का परि‍सर अत्‍यन्‍त ही सुन्‍दर है। पंचवटी परि‍सर के मध्‍य में लगा रुद्राक्ष का वृक्ष सदा अवन्‍तिकानाथ भगवान् महाकालेश्‍वर के आशीष के रूप में वि‍द्यमान है। परि‍सर के चारों तरफ हरे-भरे औषध‍ीय वृक्ष लगे हुए है।